Exams Tips in Hindi :- Exams में क्या करे जो टेंशन न हो।

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Exams Tips in Hindi :- Exams में क्या करे जो टेंशन न हो।

 

Exams अधिकांश मेरे प्यारे भाईयों और बहनों के परीक्षा का समय बहुत कठिन होता है उनके लिए यह विशेष ब्लॉग है….

परीक्षा का समय आ आते ही अधिकांश माता-पिता की शिकायत होती है कि उनके बच्चे पढ़ाई मे ध्यान केन्द्रित नहीं करते हैं, इनमे से ज्यादातर शिकायतों का कारण आज के आधुनिक साधन जैसे कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल, लैपटॉप, आदि जिम्मेदार हैं। Exams

बहुत से माता-पिता को यह डर होता है कि आज के आधुनिक साधन और भौतिक सुखो की अधिकता के कारण तो हमारे बच्चे बिगड़ तो नहीं रहे हैं और अपने बच्चे की क़ाबिलियत और विश्वास पर शक करने लगते हैं इस पूरे ब्रह्मांड मे ना तो कुछ शुभ है और ना ही कुछ अशुभ है, यह बात मैं कई बार बोल चुका हूँ, सारा खेल सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का है, इसीलिए यदि आप सही दिशा और जगह पर बैठकर पढ़ाई करते हैं तो आपको वो विषय बहुत अच्छा लगने लगता है और वो जगह आपके लिए लकी बन जाती है, यदि आप सफल हो जाते हैं तो आपके लिए वो अनलकी बन जाती है, जबकि ऐसा नहीं होता है, इस विषय मे मैं आपको आगे बताऊंगा कि आपके घर मे कौन सी जगह सबसे अच्छी है जहां बैठकर आप पढ़कर कुछ भी जल्दी याद कर सकते हैं और कैसे आप अच्छे नंबर ला सकते हैं।
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों ज्योतिष और वास्तु शास्त्र कोई चमत्कार करने का क्षेत्र नहीं है और ज्ञान और सही ऊर्जा को समझकर उसका सही प्रयोग करने की विध्या है, और आप जो भी विषय पढ़ते हैं उसका आपके घर की किसी न किसी दिशा से संबंध होता है, जैसे मैथ, साइन्स और रचनात्मक विषय पढ़ने के लिए पश्चिम दिशा सबसे प्रभावशाली मानी जाती है।
यदि कोई ऐसा विषय है जिसमे तर्क-वितर्क ज्यादा है, बहस करने वाला विषय है तो दक्षिण दिशा अच्छी मानी है और कोई सामज, धार्मिक विषय से जुड़ा है तो पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके पढ़ें।
मेरे प्यारे भाई-बहन यदि आपका मन पढ़ाई मे नहीं लगता तो गुरु वीरेंद्र शुक्ला जी से फ्री मिलें… Exams

यदि आपका ध्यान पढ़ाई मे नहीं लगता है तो आपको अपनी पढ़ाई की टेबल और किताबें दक्षिण-पश्चिम मे रखनी चाहिए, यदि आपका मन पढ़ाई मे किताब पर केन्द्रित नहीं होता है तो इधर उधर ध्यान जाने लगता है तो पश्चिम- दक्षिण-पश्चिम मे किताबें रखें, और पश्चिम की तरफ मुंह करके पढ़ें।
वास्तुशास्त्र और ज्योतिष के अनुसार आपके अपने ही घर मे पढ़ाई करने के अलग-अलग प्रभाव होते हैं, मैं आपको यहाँ पर कुछ उदाहरण भी दे रहा हूँ-

  1. उत्तर-पूर्व दिशा- यह दिशा किसी भी प्रकार के रिसर्च के लिए बहुत उत्तम मनाई जाती है, यह दिशा दिमागी संतुलन की भी होती है, यदि यह दिशा संतुलित है और यहाँ पर बैठकर पढ़ाई की जाये तो नए नए विचारों का विकास तो होता है बल्कि अंतर्दृष्टि विकसित होती है, तथा पढ़ाई मे बहुत अच्छी सफलता भी मिलती है, पढ़ाई करने वाले हर बच्चे के लिए यह दिशा संतुलित रहे तभी उसको याद अच्छा होगा।
  2. पश्चिम- दक्षिण-पश्चिम यह दिशा किसी भी प्रकार की पढ़ाई करने वाले सभी मेरे भाई-बहन के लिए महत्वपूर्ण है, जो भाई-बहन अपने स्कूल मे अच्छे नंबर लाना चाहते हैं और चाहते हैं कि जीवन मे पढ़ाई के बल पर ही अच्छी सफलता भी हासिल की जा सकती हैं उनके लिए इस दिशा को संतुलित रखना बहुत जरूरी होता है।
  3. ईस्ट-नॉर्थ-ईस्ट- यह दिशा मनोरंजन की होती है, यदि आपका बच्चा यहाँ बैठकर बढ़ेगा तो जीवन मे कभी भी अपनी पढ़ाई को सिरियस नहीं लेगा, बल्कि पढ़ाई को मज़ाक बनाकर रख देगा, परंतु यदि आप अपने बच्चे की पढ़ाई की लिस्ट जिसे वो याद करना चाहता है उसकी चेकलिस्ट साउथ-वेस्ट मे लगा दें।
  4. दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम दिशा- यदि मेरे भाई-बहन या घर का कोई भी सदस्य इस दिशा मे बैठकर कोई भी कार्य करेगा तो वो कार्य कभी भी सफल नहीं होगा, बल्कि उस काम से नुकसान और होगा, इसीलिए दिशा को तो बिलकुल छोड़ दें।
  5. हर भवन मे हर कार्य को करने के लिए एक निश्चित दिशा निर्धारित है, यदि उस दिशा को पूरी तरह से ठीक रखा जाये और वही पर उससे संबन्धित कार्य किया जाये तो जीवन मे ही नहीं बल्कि उस कार्य को सफल करने के मार्ग मे रुकावटें हमे कुछ अच्छा अनुभव ही देकर जाती है, इसीलिए आपके भवन मे वेस्ट-साउथ-वेस्ट दिशा मे पढ़ाई की दिशा होती है, और यह क्षेत्र आपके कार्य अथवा पढ़ाई को बार बार मानसिक अभ्यास कराने लगता है, जिससे आप उस कार्य मे पूरी तरह निपुण हो जाएँ, आप बार बार अभ्यास के आदि हो जाएँ और आप अच्छे प्रयास और अभ्यास के बाद अच्छे परिणाम ला सकें, इसीलिए इस दिशा मे आप जो भी समान रख देंगे यह आपको उसी मे निपुण बना देगा, उदाहरण के लिए आप इस दिशा मे बिजली के खराब समान रख दें, तो आपका बच्चा पढ़ाई करने के समय पर बीमार पड़ने लगेगा, वॉशिंग मशीन रख देंगे तो भूलने लगेगा। Exams हमे YouTube Channel पर Subscribe करें….